Skip to main content

The totem pole transistor driver circuit working explain in hindi | टोटेम पोल ट्रांजिस्टर चालक सर्किट काम कैसे करता है।

What is a totem pole? Why and Where it is used?

टोटेम पोल ट्रांजिस्टर ड्राइवर का इस्तेमाल पावर सेमीकंडक्टर और दूसरे स्विचन डिवाइस  को ऑपरेटर के लिए उपयोग करते है। इस पोस्ट में आपको टोटेम पोल ट्रांजिस्टर ड्राइवर किस तरह वर्किंग करता है इसके बारे में बताने वाला हु। 
The totem pole transistor driver circuit working explain in hindi,transistor driver,bjt driver driver circuit,gate driver
Figure 1 totem pole transistor circuit diagram
Figure 1 में बताये अनुसार दो ट्रांजिस्टर NPN और PNP का इसमें उपयोग होता है,यहां (Q2) यह NPN है और (Q1) PNP इसमें पॉजिटिव टर्मिनल साइड NPN है और ग्राउंड साइड PNP है, दोनों के एमिटर को साथ में कनेक्ट किया है और उसमे से एक LED कनेक्ट किया है इसकी जगह स्विचन डिवाइस का गेट टर्मिनल कनेक्ट किया जाता है। 
The totem pole transistor driver circuit working explain in hindi,transistor driver,bjt driver driver circuit,gate driver
Figure 2 totem pole transistor circuit diagram at input Low
Figure 2 में ट्रांजिस्टर के बेस को लॉजिकल लौ zero इनपुट देनेपर इसका आउटपुट भी zero ही मिलता है। इस समय ट्रांजिस्टर Q 1 ON होगा और  Q 2 OFF यदि आपको ट्रांजिस्टर के इस लॉजिक को समझना है तो हमारी पिछली पोस्ट  में हमने संजय है। NPN ट्रांजिस्टर लॉजिकल हाई पर ऑपरेट होता है और PNP ट्रांजिस्टर लॉजिकल लौ पर ऑपरेट होता है। 
The totem pole transistor driver circuit working explain in hindi,transistor driver,bjt driver driver circuit,gate driver
Figure 3 totem pole transistor circuit diagram at input HIGH 
Figure 3 जब इनपुट में लॉजिकल सिग्नल हाई देंगे तब इसका लॉजिकल आउटपुट भी हाई मिलेगा और एमिटर और ग्राउंड के साथ कनेक्टेड LED ON होगी। इस समय ट्रांजिस्टर Q1 OFF होता है क्यू की इसको पॉजिटिव इनपुट मिलता है और Q2 ON होगा क्यू की Q2  ट्रांजिस्टर को पॉजिटिव मिलने पर वह ON होता है। 
The totem pole transistor driver circuit working explain in hindi,transistor driver,bjt driver driver circuit,gate driver,explain totem pol driver
Figure 4  totem pole transistor circuit diagram of the input-output waveform 
Figure 4 में जब टोटेम पोल को PWM इनपुट दिया जाता है तब इसका जो इनपुट और आउटपुट एक ही समय में ON और OFF होता है। इसे जो भी इनपुट में प्लस दी जाये वेसीही आउटपुट में मिलती है।  

Comments

Popular posts from this blog

Stabilizer in Hindi स्टेबलाइजर की पूरी जानकारी हिंदी में

स्टेबलाइजर क्या होता है घर के लिए सही वोल्टेज स्टेबलाइजर आपने वोल्टेज स्टेबलाइजर के बारे में जरूर सुना होगा और आपके घर में stabilizer जरूर होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर क्या होता है?(what is stabilizer ?) क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर का काम क्या है और स्टेबलाइजर कितने प्रकार के होता है? क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर कैसे काम करता है? यदि नहीं जानते हैं तो हमारा ये पोस्ट जरूर पढ़ें। इस पोस्ट में आज हम स्टेबलाइजर की पूरी जानकारी हिंदी(stabilizer in Hindi) में देने जा रहे हैं। स्टेबलाइजर एक ऐसी डिवाइस होती है जो कि Fix Value की वोल्टेज प्रदान करता है.हमारे घर में कुछ ऐसे उपकरण होते हैं जिन्हें कम से कम 240 V की सप्लाई की जरूरत होती है और कुछ कारणवश हमारे घर में अगर सप्लाई 240V से कम आती है तो वह उपकरण ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पाता इसीलिए उसके लिए स्टेबलाइजर की जरूरत पड़ती है. जो कि हमारे घर में आने वाली सप्लाई को 240V पर Fix कर के उपकरण को 240V की सप्लाई प्रदान करता है. स्टेबलाइजर का इस्तेमाल ज्यादातर रेफ्रिजरेटर  (फ्रिज) एयर कंडीशनर इत्यादि पर किया जाता ...

वायर जॉइंट के Different प्रकार

 Different Types of Wire Joint Requirement:- किसी भी तार में जॉइंट बनाने की जरुरत क्यों पड़ती है किसी भी वायर में जॉइंट बनाने की जरुरत इसलिए पड़ती है ताकि किसी भी चालक तार की लम्बाई बढ़ाई जा सके और किसी चालक लाइन में से किसी अन्य लाइन को जॉइंट बनाकर उसे स्थाई रूप से जोड़ा जा सके जॉइंट ऐसा होना चाहिए की वह लाइन को अच्छे कनेक्ट तथा लाइन को पर्याप्त सुद्रढ़ता भी प्रदान कर सके,,इन जोइन्टो को विभिन्न प्रकार से तैयार किया जाता है यह चालक तार की मोटाई,जोड़ की किस्म,जॉइंट किस लाइन में लगाना है इत्यादि पर निर्भर करती है  ।   Different Types of  Joints:-ओवर हेड लाइन्स तथा घरेलु वायरिंग में मुख्यतः निम्न जोड़ प्रचलित है  Twisted Joint(ऐंठा हुआ जोड़) :- इस प्रकार के जॉइंट में तारो अथवा केबल के चालक सिरों को आपस में ऐंठ कर उनके अंतिम समापन सिरों को जोड़ की और मोड़ देते है इस प्रकार का जॉइंट ओवर हेड लाइन में खम्बो के ऊपर लगे इंसुलेटर पर लगाया जाता है इसे किसी लाइन के मध्य में नहीं लगाया जाता है इसे Pig Tail अथवा Rat-Tail Joint जॉइंट भी कहते है।    Married Joint(मै...

Star Delta Starter In Hindi | स्टार डेल्टा स्टार्टर | का प्रयोग मोटर में क्यों किया जाता है ?

स्टार डेल्टा स्टार्टर |Star Delta Starter इस Article मे स्टार डेल्टा कनेक्शन, Star Delta Formula, स्टार डेल्टा स्टार्टर का सिद्धांत, पावर डायग्राम, कन्ट्रोल डायग्राम, स्टार डेल्टा स्टार्टर के लाभ एवम नुकशान और स्टार डेल्टा स्टार्टर से संबधित इंटरव्यू में पूछे जाने वाले सवाल पे भी विस्तृत में जानकारी देने की कोशिश की हे। आशा हे आप के लिए मददगार होगी। Star Delta Starter मोटर को सलामती पूर्वक चालू करने के लिए, मोटर का रक्षण करने के लिए एवम मोटर का स्टार्टिंग करंट कम करने के लिए उपयोग किया जाता हे। मोटर को स्टार्ट करने के लिए और भी कही टाइप के स्टार्टर हे। जैसे की डायरेक्ट ऑन लाइन स्टार्टर, स्टार डेल्टा स्टार्टर, ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर, सॉफ्ट स्टार्टर, vfd (Variable Frequency Drive) और रोटर रेजिस्टेंस स्टार्टर, जो मोटर को सलामती पूर्वक चालू भी करते हे,और सुरक्षा भी प्रदान करते हे। स्टार डेल्टा स्टार्टर क्या है? एक स्टार्टर का काम हे स्टार्ट करना। यहां एक इलेक्ट्रिक मोटर स्टार्टर की बात हे। स्टार डेल्टा स्टार्टर याने, एक इलेक्ट्रिकल उपकरण जो कही उपकरणों को एकत्रित करके तैयार किया जाता ह...