Different Types of Wire Joint Requirement:-
किसी भी तार में जॉइंट बनाने की जरुरत क्यों पड़ती है किसी भी वायर में जॉइंट बनाने की जरुरत इसलिए पड़ती है ताकि किसी भी चालक तार की लम्बाई बढ़ाई जा सके और किसी चालक लाइन में से किसी अन्य लाइन को जॉइंट बनाकर उसे स्थाई रूप से जोड़ा जा सके जॉइंट ऐसा होना चाहिए की वह लाइन को अच्छे कनेक्ट तथा लाइन को पर्याप्त सुद्रढ़ता भी प्रदान कर सके,,इन जोइन्टो को विभिन्न प्रकार से तैयार किया जाता है यह चालक तार की मोटाई,जोड़ की किस्म,जॉइंट किस लाइन में लगाना है इत्यादि पर निर्भर करती है ।
Different Types of Joints:-ओवर हेड लाइन्स तथा घरेलु वायरिंग में मुख्यतः निम्न जोड़ प्रचलित है
- Twisted Joint(ऐंठा हुआ जोड़):- इस प्रकार के जॉइंट में तारो अथवा केबल के चालक सिरों को आपस में ऐंठ कर उनके अंतिम समापन सिरों को जोड़ की और मोड़ देते है इस प्रकार का जॉइंट ओवर हेड लाइन में खम्बो के ऊपर लगे इंसुलेटर पर लगाया जाता है इसे किसी लाइन के मध्य में नहीं लगाया जाता है इसे Pig Tail अथवा Rat-Tail Joint जॉइंट भी कहते है।
- Married Joint(मैरीड जॉइंट):- इस प्रकार के जॉइंट में तारो अथवा केबल के चालकों को आपस में एक-दो बार ऐंठ देने के बाद इसके समापन सिरों को विपरीत दिशा में कसकर लपेट दिया जाता है इस जोड़ का प्रयोग सीधी लाइन में सकता है लेकिन लाइन में अधिक तनन दबाव नहीं होना चाहिए इसे सीधा जॉइंट भी कहा जाता है।
- "T" Joint("टी" जॉइंट):- इस प्रकार के जॉइंट किसी मुख्य केबल से कनेक्शन लेने के लिए काम में लिए जाते है इस मुख्य केबल के आवश्यक भाग के अचालक भाग को छीलकर एक अन्य तार को मुख्य केबल पर दोनों तरफ लपेट दिया जाता है इस जोड़ का उपयोग मुख्य आपूर्ति लाइन से कनेक्शन प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
- Britannia Joint(ब्रिटानिया जॉइंट):- इस प्रकार के जॉइंट में दो चालक तारो को समान्तर में सटाकर रखा जाता है और समापक सिरों को सेमी समकोण पर मोड़ दिया जाता है अब दोनों तारो पर एक तीसरा तार लपेटकर जोड़ तैयार किया जाता है यह जॉइंट मजबूत होता है और शिरोपरी लाइन का तनन दाब सह लेता है।
- Westurn Union Joint(वेस्टर्न यूनियन जॉइंट):- इस प्रकार का जोइयंट भी अधिक तनन दाब सहन करने वाला जॉइंट है इसमें तारो को एक-दूसरे के ऊपर मजबूती से लपेट दिया जाता है इसका प्रयोग भी शिरो पारी लाइन्स में किया जाता है।
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