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Star Delta Starter In Hindi | स्टार डेल्टा स्टार्टर | का प्रयोग मोटर में क्यों किया जाता है ?

स्टार डेल्टा स्टार्टर |Star Delta Starter

इस Article मे स्टार डेल्टा कनेक्शन, Star Delta Formula, स्टार डेल्टा स्टार्टर का सिद्धांत, पावर डायग्राम, कन्ट्रोल डायग्राम, स्टार डेल्टा स्टार्टर के लाभ एवम नुकशान और स्टार डेल्टा स्टार्टर से संबधित इंटरव्यू में पूछे जाने वाले सवाल पे भी विस्तृत में जानकारी देने की कोशिश की हे। आशा हे आप के लिए मददगार होगी।

Star Delta Starter मोटर को सलामती पूर्वक चालू करने के लिए, मोटर का रक्षण करने के लिए एवम मोटर का स्टार्टिंग करंट कम करने के लिए उपयोग किया जाता हे।


मोटर को स्टार्ट करने के लिए और भी कही टाइप के स्टार्टर हे। जैसे की डायरेक्ट ऑन लाइन स्टार्टर, स्टार डेल्टा स्टार्टर, ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर, सॉफ्ट स्टार्टर, vfd (Variable Frequency Drive) और रोटर रेजिस्टेंस स्टार्टर, जो मोटर को सलामती पूर्वक चालू भी करते हे,और सुरक्षा भी प्रदान करते हे।

स्टार डेल्टा स्टार्टर क्या है?

एक स्टार्टर का काम हे स्टार्ट करना। यहां एक इलेक्ट्रिक मोटर स्टार्टर की बात हे। स्टार डेल्टा स्टार्टर याने, एक इलेक्ट्रिकल उपकरण जो कही उपकरणों को एकत्रित करके तैयार किया जाता हे। जिससे मोटर को चला ने के लिए स्टार और डेल्टा दोनों का उपयोग होता हे।


मोटर जब स्टार्ट होती हे, तब स्टार कनेक्शन से कनेक्ट होती हे। और जब मोटर अपने rpm की 80% पे आ जाती हे तब स्टार से डेल्टा में शिफ्ट हो जाती हे। या ने पहले मोटर स्टार्ट में चलती हे। और रनिंग कंडीशन में डेल्टा में चलती हे। इसीलिए इनको स्टार डेल्टा स्टार्टर कहते हे। जिसका मुख्य काम मोटर का स्टार्टिंग करंट कम करना और मोटर को सलामती पूर्वक चलाने का हे।

मोटर के वाइंडिंग को शरुआत में स्टार में कनेक्ट किया जाता हे। स्टार का वोल्टेज लेवल लाइन वोल्टेज के सामने √3 होता हे। यहां मोटर को स्टार में कनेक्ट किया जाता हे। पहले समज ले की थ्री फेज मोटर में तीन वाइंडिंग रहती हे।
तीन वाइंडिंग के छ (6) लीड निकलती हे। छ लीड में से तीन को एक साथ कनेक्ट कर दिया जाता हे। ये स्टार हम मोटर पे नहीं पर कंटक्टर पे बनाते हे जिसे स्टार कंटक्टर कहते हे।
मोटर स्टार में कनेक्ट होने से मोटर को दिया जाने वाला वोल्टेज दो वाइंडिंग में डिस्ट्रीब्यूट हो जाता हे। यदि 3 फेज 433 लाइन वाल्ट हे, तो स्टार कनेक्शन में √3 के हिसाब से 230 वाल्ट ही मिलेंगे।
सिंपल तरीके से समजे तो डेल्टा में जहा एक वाइंडिंग को 433 वाल्ट मिलते हे वहा स्टार में एक वाइंडिंग को 230 volt मिलते हे। इसीलिए स्टार्टिंग करंट जो हे वो कम हो जाता हे। और मोटर आसानीसे रनिंग कंडीशन में आ जाती हे।
स्टार डेल्टा स्टार्टर का उपयोग करने के मुख्य लाभ यही हे की इसे स्टार्टिंग करंट कम हो जाता हे। इसीलिए लाइन में वोल्टेज ड्राप का प्रॉब्लम DOL स्टार्टर की तुलना में कम होता हे।

मोटर को जब स्टार्ट किया जाता हे, तब सबसे पहले स्टार कंटक्टर PIC UP होता हे। उसके तुरंत बाद Main कंटक्टर Energize होता हे। और लास्ट में जब मोटर 80% स्पीड पे आ जाती हे,तब डेल्टा कंटक्टर लाइन में आता हे।


यादरखे – टाइमर का सेटिंग ऐसे करे की मोटर की 80% स्पीड होने के बाद ही स्टार से डेल्टा में गिराए।

याने मोटर जब स्टार्ट होती हे तब स्टार और Main कंटक्टर Energize होते हे। और रनिंग परिस्थिति में  main और डेल्टा कंटक्टर लाइन में रहते हे।
इसके बाद रहता हे ओवर लोड रिले जो मोटर को सुरक्षा प्रदान करता हे। और लास्ट में पावर सप्लाई मोटर को मिलता हे।  जिसे मोटर स्टार्ट होती हे।
मोटर के लिए Main स्विच, पावर कंटक्टर, रिले और केबल का सिलेक्शन मोटर की कैपेसिटी पे आधार रखती हे।

Star Delta Control Diagram 

कन्ट्रोल सप्लाई main स्विच के आउट पूत से ही लिया जाता हे। नॉर्मली 230 vac और 110 vac होता हे। कन्ट्रोल पावर ऑपरेशन के लिए mcb या फ्यूज रहता हे। फ्यूज के बाद रिले का ‘NC’ कोन्टक्ट रहता हे। जो किसी भी असाधारण परिस्थितिमे ये कांटेक्ट ‘NO’ हो जाता हे। और मोटर को सुरक्षा प्रदान करता हे।



रिले के कोन्टक्ट के बाद  Emergency  स्टॉप का ‘NC’ रहता हे। जहासे मोटर को बंध कर सकते हे। इसके बाद रहता हे स्टार्ट जो मोटर को स्टार्ट करने के लिए उपयोग किया जाता हे।

Star Delta Starter के कन्ट्रोल सर्किट में मुख्य रोल हे टाइमर का।

टाइमर का काम स्टार से डेल्टा में चेंज ओवर करना हे। जो हम टाइम सेट करते हे उस हिसाब से टाइम स्टार से डेल्टा में चेंज होता हे।
Main स्टार और डेल्टा कंटक्टर इंटरलॉकिंग से कन्ट्रोल होता हे। जब एक Energize होगा तो दूसरा D’energize ही रहेगा।

स्टार डेल्टा स्टार्टर Advantage – लाभ 

 1 – DOL स्टार्टर की तुलना में स्टार्टिंग करंट कम लेता हे।
2 – वोल्टेज कन्ट्रोल करने वाले दूसरे स्टार्टर से कीमत में सस्ता हे।
3 – मोटर का स्टार्टिंग करंट 2 से 3 गुना ही रहता हे।
4 – संचालन करना और मेंटेनेंस करना आसान हे।

स्टार डेल्टा स्टार्टर Disadvantage – गेरलाभ 

 1 – मोटर को चलाने के लिए दो पावर केबल की जरूरत पड़ती हे।
2 – स्टार्टिंग टॉर्क DOL स्टार्टर की तुलना में कम हे।
3 – तीन पावर कंटक्टर का उपयोग करना पड़ता हे। जो DOL की तुलना में मेहगा रहता हे।
4 – पावर और कन्ट्रोल सर्किट DOL स्टार्टर की तुलना में थोड़ा जटिल रहता हे।
5 – DOL स्टार्टर की तुलना में कन्ट्रोल सर्किट जटिल होने की बजेसे फाल्ट ढूंढने में मुश्केली होती हे।

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