Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2021

Basic Electronics Start in Hindi

इलेक्ट्रॉनिक्स में रूचि रखने वाले और जो इलेक्ट्रॉनिक्स को हिंदी में पढ़ना  चाहते है उनके लिए यह पोस्ट है इस पोस्ट को पढ़ कर बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स  की जानकारी सरलता से जान लगे और बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ शुरुआत करना आपके विचार से आसान है। इस पोस्ट के अंत तक आपकी  बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स की जानकारी बहुत अच्छी हो जाएगी जिस्से कोई भी इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट को समझना आसान हो जायेगा और बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स की सर्किट  बनाने में सक्षम हो जायेगे . इस बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स को समझने के लिए इसे अलग-अलग Step में  समझाने की कोशिस की है All Steps For Basic Electronics Step 1: Electricity Step 2: Circuits Step 3: Load Step 4: Series Vs. Parallel Step 5: Basic Components Step 6: Resistors Step 7: Capacitors Step 8: Diodes Step 9: Transistors Step 10: Integrated Circuits Step 11: Potentiometers Step 12: LEDs Step 13: Switches Step 14: Batteries Step 15: Breadboards Step 16: Wire Step 17: Your First Circuit Step 18: Your Second Circuit Step 19: Your Third Circuit Step 20: You're on

Pulse Width Modulation क्या है। |How to generate PWM signal |Pulse Width Modulation Explained

 इस पोस्ट में हम Pulse Width Modulation तकनीक  के बारे में जानेंगे। Pulse Width Modulation तकनीक का उपयोग एनालॉग उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। और मुख्य रूप से एनालॉग डिवाइस को दी जाने वाली शक्ति को इसका उपयोग करके नियंत्रित किया जाता है । अब, इसकी उच्च दक्षता(high efficiency), कम बिजली की हानि (low power loss)और यह शक्ति (Power) को सटीक रूप से नियंत्रित करने की क्षमता के कारण है, इस तकनीक का उपयोग कई अनुप्रयोगों में किया जाता है। उदाहरण के लिए, आज एलईडी लाइटों को कम करने के लिए, या सीपीयू की पंखे की गति को नियंत्रित करने के लिए, इस पीडब्लूएम(PWM) तकनीक को पारंपरिक तरीकों से अधिक पसंद किया जाता है। और कुछ लैपटॉप में इस pulse Width modulation technique के इस्तेमाल से स्क्रीन की ब्राइटनेस को भी कंट्रोल किया जाता है। तो, इस  के अलावा, इस पीडब्लूएम का व्यापक रूप से electronics एप्लिकेशन में उपयोग किया जाता है तो, इस पोस्ट के द्वारा आइए समझते हैं कि PWM क्या है, और इसका उपयोग कैसे नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। तो, इस पल्स Pulse Width Modulation में, नियंत्रण की Puls

What is Earthing (अर्थिंग क्या होती है)

  What is Earthing ( अर्थिंग क्या होती है )                                      Earthing के अंदर सबसे पहले हम जमीन के अंदर एक गहरे खड्ढे को करके वहाँ से एक वायर को निकाल लेते है। अब इस वायर को हम हमारे इलेक्ट्रिकल के उपकरण की बॉडी पर जोड़ देते है। यह अर्थिंग वायर को उस उपकरण पर जोड़ा जाता है , जिसकी बॉडी मेटल की बनी होती है। क्योंकि मेटल से बनी बॉडी पर करंट आसानी से फ्लो हो जाता है। अर्थिंग की जरूरत - अर्थिंग करने के बाद अगर कभी किसी कारण से सप्लाई वायर उपकरण की बॉडी के भीड़ जाता है। तो उस समय करंट हमारे अर्थ वायर की मदद से जमीन के अंदर जाने लग जाएगा। इस बीच अगर कोई उपकरण की बॉडी को आकर छूता भी है , तो उसको करंट नही लगता है। सबसे पहले आपको यह याद रखना है की , अर्थिंग और ग्राउंडिंग दोनो ही एक तरह से ही की जाती है। मतलब दोनो के अंदर ही जमीन में गहरा खड्डा करके उसमे से एक वायर को निकाल लिया जाता है। लेकिन अब हम जमीन से निकाले गए इस