घर में काम करते हुए या कहीं और हल्का फुल्का करंट तो आया ही होगा। जाहिर है थोड़ी देर तो आपको पसीना छूट गया होगा । आपने शुक्र जताया होगा की करंट लगने के बाद आप छूट तो गए वरना कहीं बड़ा हादसा हो सकता था। आज हम आपको बता रहे हैं वो कारण जिनसे शरीर पर करंट का दुष्प्रभाव होता है और मौत तक हो सकती है। आपका शरीर कितना करंट सहन कर सकता है .ऐसी कई सारी बातें जिनको जानकर आप भीं हैरान हो जाएंगे। क्या कारकप्रभावित करतें है हमारे शरीरको ?
- करंट की मात्रा जो कि शरीर सेगुजर रही है
- शरीर के जिस हिस्से पर करंट लगता है और कौनसा हिस्से से जल्दी मौत हो जाती है ये करक भी महत्वपूर्ण है।
- कितने समय तक करंट शरीर को प्रभावित कर रहा है!
सबसे पहले हम जानते है मानव शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है जब हमारे शरीर से बिजली या करंट फ्लो करता है।नीचे एक चार्ट दिया है जिसमे करंट की मात्रा और शरीर मे बहने के समय के आधार पर प्रभाव दिखाएं गए है,
इसमें करंट को 4 भागो में बांटा गया है और आप आसानी से प्रभावों को समझ सकते है।
जब करंट लगता है तो शरीर मे दो मुख्य प्रभाव उत्पन्न होतें है,
- करंट लगने पर वह शरीर मे सबसे पहले बढ़िया कंडक्टर ढूंढता है, और आप जानते है हमारे शरीर में काफी मात्रा में ब्लड होता है जिसमे हीमोग्लोबिन पाया जाता है, यह हीमोग्लोबिन सीधे तौर पर लोहे के अणु ही होते है, और लोहा विद्युत का बढ़िया चालक होता है। अब होता यह है कि शरीर के हीमोग्लोबिन को करंट की गति से दौड़ना पड़ता है और स्नायु तंन्त्र से मस्तिष्क को बिजली के गति से संकेत पहुंचते है, जो हमे झटके का अनुभव देते है, साथ ही दिमाग इतने सारे संकेतो का विश्लेषण करने में असमर्थ होता है, जिससे हम चेतनाहीन हो जाते है।
- ऊपर की परिघटना कम करंट के कम समय मे बहने तक सीमित रहती है, लेकिन विद्युत धारा अगर ज्यादा मात्रा में हो, और ज्यादा देर तक प्रवाहित हो तो विद्युत का ऊष्मीय प्रभाव (H = I² Rt) उत्पन्न हो जाता है, और उत्पन्न होने वाली ऊष्मा की मात्रा इतनी अधिक होती है कि शरीर जल जाता है, शरीर मे पाए जाने वाले द्रव सूख जाते है, काफी जगह पर घाव भी पड़ जाते है और सामान्यतः इंसान की मौत हो जाती है।
कितनी मात्रा कैसे करती है प्रभावित :
- 1 mA : सहन करने योग्य है पर ज्यादा देर तक सम्पर्क में रहने से नुक्सान भी ज्यादा हो सकता है।
- 5 mA : थोड़ा झटका महसूस होता है। आम तौर पर इंसान झटके खा कर ही छूट जाता है। अधिक दर्द नहींहैं होता शरीर को नुकसानदायक हो सकता है।
- 6 -16 mA : इस मात्रा का करंट काफी दर्द भरा होता है। व्यक्ति अपने शरीर पर से नियंत्रण खोने लगता है। इस स्थिति को लेट गो स्थिति कहा जाता है।
- 17 -99 mA : करंट कि यह मात्रा श्वसन तंत्र को बुरी तरहप्रभावित करती है। शरीर के अंग और मशल्स सिकुड़ने लगते हैं। इस स्थिति में आदमी करंट में से छूट नहीं पाता और मौत की सम्भावना अधिक हो जाती है।
- 100-2000 mA : यह बहुत अधिक मात्रा का करंट है जिसके कारणह्रदय अनियमित कार्य करने लगता है और धीरे धीरे सारा शरीर सिकुड़ने लगता है और म्रत्यु हो जाती है।
इसके अलावा भी कुछ अन्य प्रभाव और कारण उत्पन्न होते है जिनकी समीक्षा की जानी है।
अभी के लिए इतना ही कहना चाहूंगा कि अपने आप को विद्युत से बचा कर रखें साथ ही घर मे MCB और ELCB जरूर लगवा के रखें।
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