Skip to main content

How to Read an Electronics circuit/Schematic learn में हिंदी/उर्दू (Part-2)

आपने हमारे पिछली पोस्ट को पढ़ा उसमे हमने कुछ सिंबल के बारे  में बतया जो सामान्य रूप से सभी प्रकार की सर्किट में इस्तेमाल होता है। यदि आपने पिछली पोस्ट नहीं पढ़ी हो तो यह पर क्लिक कर के पढ़े। 

Diode 

यदि अपने डायोड के बारे में जानते हो तो उसके सिंबल को जानते हो त्रिकोण के साथ दर्शाए और उसके आगे एक रेखा होती है जो करंट को ब्लॉक करता है यह बताता है, यह दो टर्मिनलों में से प्रत्येक को विशिष्ट पहचानकर्ताओं की आवश्यकता होती है। सकारात्मक(+), एनोड टर्मिनल त्रिकोण के फ्लैट किनारे वाला है,  ऋणात्मक(-), कैथोड प्रतीक में रेखा से बाहर निकलता है। 
डायोड यह विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें से प्रत्येक डायोड प्रतीक पर विशेष मतलब होता है। लाइट-उत्सर्जक डायोड जिसे हम LED कहते है, इसका इस्तेमाल सर्किट में सूचक(इंडिकेटर) की तरह भी होता है। 
अन्य विशेष प्रकार के डायोड, जैसे स्कॉटकी या जेनर्स, के प्रतीक के बार भाग पर थोड़ी भिन्नता के साथ, अपने स्वयं के प्रतीक हैं।


Transistor 

सर्किट में उपयोग होने वाले कम्पोनेंट में ट्रांजिस्टर का बहुत महत्व है इसके अल्वा इसे हम BJT या MOSFET, SCR और ऐसे बुहत प्रकार के सेमीकंडक्टर का है पर मुख्य रूपसे ट्रांजिस्टर दो कॉन्फ़िगरेशन में मौजूद हो सकते हैं, सकारात्मक रूप से डॉप किया गया, या नकारात्मक रूप से डॉप किया गया, इसे हम दो तरह से समजा सकते है N-प्रकार और p-प्रकार के। 

Bipolar Junction Transistors (BJTs)

बीजेटी तीन टर्मिनल डिवाइस हैं, उनके पास एक collector (C या k), Emitter (E), और Base (B) है। दो प्रकार के बीजेटी हैं - NPN और PNP - और प्रत्येक का अपना अनोखा प्रतीक है
Collector (C) और  Emitter (E) पिंस दोनों एक ही लाइन में है।    लेकिन एमिटर के पास हमेशा एक तीर होता है। ये तीर उसके प्रकार को बताता है,यदि तीर अंदरूनी ओर इशारा कर रहा है, तो यह एक PNP है, और यदि तीर बाहर की ओर इशारा कर रहा है, तो यह एक NPN है। याद रखने के लिए एक आसान वधि है 

Metal Oxide Field-Effect Transistors (MOSFETs)

बीजेटी की तरह, MOSFET में भी तीन टर्मिनल होते हैं, लेकिन इसे टर्मिनल के नाम अलग होता source (S), drain (D), and gate (G) है। और फिर, प्रतीक के दो अलग-अलग संस्करण हैं, इस पर निर्भर करता है की आप कोनसा इस्तेमाल करते हो  N-चैनल या P-चैनल MOSFET है।
प्रतीक के बीच में तीर परिभाषित करता है कि मॉस्फेट N-चैनल या P-चैनल है, यदि तीर बाहर की और निकल रहा है तो इसका मतलब है कि यह एक P-चैनल MOSFET है, और यदि यह अधर की ऒर निकल रहा है तो यह एक N-चैनल MOSFET है। 

Logic Gates

आपने लॉजिक गेट(Logic gate) के बारे में तो सुना होगा यह सर्किट में अलग अलग कार्य के लिए इस्तेमाल होते है यहां ये लॉजिक गेट है, और उनके सिंबल है। AND,OR,NOT,X-OR,X-NOR,NAND,NOR Etc...
लॉजिक गेट के बारे में जानना चाहते हो तो पोस्ट में कम्मेंट करे। 

Integrated Circuit 

एक एकीकृत सर्किट(Integrated Circuit), या IC,यह एक छोटी चिप है जो एम्पलीफायर, ऑसीलेटर, टाइमर, माइक्रोप्रोसेसर, या यहां तक कि कंप्यूटर मेमोरी के रूप में होती है। एक IC एक छोटा वेफर होता है, जो आम तौर पर सिलिकॉन से बनी होती है, जो सैकड़ों से लाखों ट्रांजिस्टर, प्रतिरोधक और कैपेसिटर्स उसमे होते है।
और कोई भी सर्किट में इस हो तो उसे आयताकार के आकर में होती है एवम उसमे पिन होती है और हर एक पिन का एक कार्य होता है। IC में मिस्ट्रोकन्ट्रोलर, analog,digital और भी प्रकार की होती है।   

OP-Amp

एक परिचालन एम्पलीफायर (Operating Apmplifier) यह एक एकीकृत सर्किट (IC) है जो वोल्टेज एम्पलीफायर के रूप में कार्य करती है। OpAmp में differential इनपुट होता है, इसमें विपरीत ध्रुवीयता के दो इनपुट हैं,(+,-) और Op-amp में एक आउटपुट मिलता जिसका गेन अधिक होता है, जिसका अर्थ है, कि आउटपुट की मात्रा इनपुट से अधिक मिलती है।  

Voltage Regulator 

एक वोल्टेज नियामक(VoltageRegulator) एक छोटा सा उपकरण या सर्किट है जो माइक्रोप्रोसेसर या IC को सप्लाई वोल्टेज को मिलने वले को कण्ट्रोल करता है। यदि हमारे पास 12v  की सप्लाई है और हमे 5v या 3.3v की जरूरत है तो हम वॉल्ट्ज रेगुलेटर का इस्तेमाल करते है। यह तीन टर्मिनल वाला डिवाइस होता है, और इसका सिंबल आयताकार और उसमे तीन पिन होती है। 

Crystals 

क्रिस्टल्स यह माइक्रोकंट्रोलर में क्लॉक सिग्नल उत्पन्न करने के लिए इस्तेमाल होता है। 

Connectors

एक इलेक्ट्रिक सर्किट के दो हिस्सों को कनेक्ट या बाहर से किसी दूसरे के साथ कनेक्ट करने के लिए उपयोग होने वाला उपकरण उसे कनेक्टर कहते है।


Comments

Popular posts from this blog

Stabilizer in Hindi स्टेबलाइजर की पूरी जानकारी हिंदी में

स्टेबलाइजर क्या होता है घर के लिए सही वोल्टेज स्टेबलाइजर आपने वोल्टेज स्टेबलाइजर के बारे में जरूर सुना होगा और आपके घर में stabilizer जरूर होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर क्या होता है?(what is stabilizer ?) क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर का काम क्या है और स्टेबलाइजर कितने प्रकार के होता है? क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर कैसे काम करता है? यदि नहीं जानते हैं तो हमारा ये पोस्ट जरूर पढ़ें। इस पोस्ट में आज हम स्टेबलाइजर की पूरी जानकारी हिंदी(stabilizer in Hindi) में देने जा रहे हैं। स्टेबलाइजर एक ऐसी डिवाइस होती है जो कि Fix Value की वोल्टेज प्रदान करता है.हमारे घर में कुछ ऐसे उपकरण होते हैं जिन्हें कम से कम 240 V की सप्लाई की जरूरत होती है और कुछ कारणवश हमारे घर में अगर सप्लाई 240V से कम आती है तो वह उपकरण ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पाता इसीलिए उसके लिए स्टेबलाइजर की जरूरत पड़ती है. जो कि हमारे घर में आने वाली सप्लाई को 240V पर Fix कर के उपकरण को 240V की सप्लाई प्रदान करता है. स्टेबलाइजर का इस्तेमाल ज्यादातर रेफ्रिजरेटर  (फ्रिज) एयर कंडीशनर इत्यादि पर किया जाता ...

वायर जॉइंट के Different प्रकार

 Different Types of Wire Joint Requirement:- किसी भी तार में जॉइंट बनाने की जरुरत क्यों पड़ती है किसी भी वायर में जॉइंट बनाने की जरुरत इसलिए पड़ती है ताकि किसी भी चालक तार की लम्बाई बढ़ाई जा सके और किसी चालक लाइन में से किसी अन्य लाइन को जॉइंट बनाकर उसे स्थाई रूप से जोड़ा जा सके जॉइंट ऐसा होना चाहिए की वह लाइन को अच्छे कनेक्ट तथा लाइन को पर्याप्त सुद्रढ़ता भी प्रदान कर सके,,इन जोइन्टो को विभिन्न प्रकार से तैयार किया जाता है यह चालक तार की मोटाई,जोड़ की किस्म,जॉइंट किस लाइन में लगाना है इत्यादि पर निर्भर करती है  ।   Different Types of  Joints:-ओवर हेड लाइन्स तथा घरेलु वायरिंग में मुख्यतः निम्न जोड़ प्रचलित है  Twisted Joint(ऐंठा हुआ जोड़) :- इस प्रकार के जॉइंट में तारो अथवा केबल के चालक सिरों को आपस में ऐंठ कर उनके अंतिम समापन सिरों को जोड़ की और मोड़ देते है इस प्रकार का जॉइंट ओवर हेड लाइन में खम्बो के ऊपर लगे इंसुलेटर पर लगाया जाता है इसे किसी लाइन के मध्य में नहीं लगाया जाता है इसे Pig Tail अथवा Rat-Tail Joint जॉइंट भी कहते है।    Married Joint(मै...

Star Delta Starter In Hindi | स्टार डेल्टा स्टार्टर | का प्रयोग मोटर में क्यों किया जाता है ?

स्टार डेल्टा स्टार्टर |Star Delta Starter इस Article मे स्टार डेल्टा कनेक्शन, Star Delta Formula, स्टार डेल्टा स्टार्टर का सिद्धांत, पावर डायग्राम, कन्ट्रोल डायग्राम, स्टार डेल्टा स्टार्टर के लाभ एवम नुकशान और स्टार डेल्टा स्टार्टर से संबधित इंटरव्यू में पूछे जाने वाले सवाल पे भी विस्तृत में जानकारी देने की कोशिश की हे। आशा हे आप के लिए मददगार होगी। Star Delta Starter मोटर को सलामती पूर्वक चालू करने के लिए, मोटर का रक्षण करने के लिए एवम मोटर का स्टार्टिंग करंट कम करने के लिए उपयोग किया जाता हे। मोटर को स्टार्ट करने के लिए और भी कही टाइप के स्टार्टर हे। जैसे की डायरेक्ट ऑन लाइन स्टार्टर, स्टार डेल्टा स्टार्टर, ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर, सॉफ्ट स्टार्टर, vfd (Variable Frequency Drive) और रोटर रेजिस्टेंस स्टार्टर, जो मोटर को सलामती पूर्वक चालू भी करते हे,और सुरक्षा भी प्रदान करते हे। स्टार डेल्टा स्टार्टर क्या है? एक स्टार्टर का काम हे स्टार्ट करना। यहां एक इलेक्ट्रिक मोटर स्टार्टर की बात हे। स्टार डेल्टा स्टार्टर याने, एक इलेक्ट्रिकल उपकरण जो कही उपकरणों को एकत्रित करके तैयार किया जाता ह...