Monostable Multivibrator
क्या है monostable multivibrator पहले इसे समझते है।
यह एक इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट है जो PWM जेनरेट करती है। इसमें जब ट्रिगर पिन को ट्रिगर किया जाय तब ही डिफाइन्ड किये समय तक जेनरेट होती है। तब तक कोई आउटपुट नहीं मिलता जब तक कोई ट्रिगर न किया जाय। monostable multivibrator को हम ट्रांजिस्टर ,OP-Amp से बनाया जा सकता है यह हम 555 टाइमर का इस्तेमाल करने वाले है। इसमें इसका सर्किट डयग्राम, वेवफॉर्म ,सर्किट कैलक्युलेशन आधी करने वाले है।
प्रारंभ में, जब पिन 3 पर आउटपुट लौ होता है यानी इस समय सर्किट स्थिर स्थिति में होता है,जैसे ही ट्रांजिस्टर ON होता है और कपैसिटर शोर्ट होता है। जब IC की पिन 2 पर नेगेटिव प्लस देने पर , ट्रिगर इनपुट +1/3 वीसीसी से नीचे आता है, कम्पेरेटर का आउटपुट High हो जाता है जो फ्लिप-फ्लॉप को रीसेट करता है और इसके परिणामस्वरूप ट्रांजिस्टर बंद हो जाता है और पिन 3 पर आउटपुट High हो जाता है। आकृती में दिखाए गए अनुसार यह स्थिर से अर्ध-स्थिर स्थिति(Quasi-stable state) के आउटपुट का संक्रमण है। चूंकि डिस्चार्ज ट्रांजिस्टर कटऑफ है, कैपेसिटर सी R1 C के बराबर एक समय के साथ प्रतिरोध R1 के माध्यम से +VCC की ओर चार्ज करना शुरू कर देता है। जब बढ़ते कपैसिटर वोल्टेज +2/3 वीसीसी से थोड़ा अधिक हो जाता है, तो comparator 1 का output हाई हो जाता है, जो फ्लिप-फ्लॉप सेट करता है। ट्रांजिस्टर संतृप्ति(saturation) में जाता है, जिससे कपैसिटर को डिस्चार्ज हो जाता है और उस समय आउटपुट घट कर कम हो जाता है है, जैसा चित्र में दिखाया गया है।
इस प्रकार आउटपुट स्थिर-स्थिति में अर्ध-स्थाई स्थिति से वापस आ जाता है।
मोनोस्टेबल मल्टीविब्रेटर का आउटपुट तब तक कम रहता है जब तक ट्रिगर नाड़ी फिर से लागू नहीं होती है। फिर चक्र दोहराता है। ट्रिगर इनपुट, आउटपुट वोल्टेज, और कैपेसिटर वोल्टेज वेवफॉर्म आकृति में दिखाए जाते हैं।
कपैसिटर C2 को प्रतिरोध RA के माध्यम से चार्ज होता है। समय के साथ लगातार आरएसी, कैपेसिटर वोल्टेज को + 2 / 3VCC तक पहुंचने में जितना अधिक समय लगता है।
Tp = 1.0986 RAC
इसे सरल शब्दों में कहु तो RC टाइम कण्ट्रोल कांस्टेंट है जो आउटपुट प्लस की विड्थ है यह वह समय जिसके दौरान टाइमर आउटपुट उच्च रहता है
जहां R ओहम में है और C farads में है। चार्जिंग period के दौरान किसी भी समय capacitor के वोल्टेज को इस रूप में बताया जा सकता है
Vc2= VCC (1- e-t/RAC)
जहां पर Vc =२/३ Vcc वह equation यह कपैसिटर को 0 से २/३ Vcc तक चार्ज होने में लगने वाले समय बताता है।
Fig 3 button press (trigger signal applied )
तो +2/3VCC. = VCC. (1 – e–t/RAC) or t – RAC loge 3 = 1.0986 RAC
तो pulse width, tP = 1.0986 RAC s 1.1 RAC
सर्किट की पल्स चौड़ाई माइक्रो-सेकंड से कई सेकंड तक हो सकती है। इस लिए इस का उपयोग industry में टाइमिंग applications वाली सर्किट का उपयोग किया जाता है।
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