555 Timer ये टाइमर IC है जिसका इस्तेमाल बहुतसी सर्किटो में होता है। इस का इस्तेमाल कर के अलग-अलग प्रकार के सर्किट डिजाईन किया जा सकता है,555 टाइमर का इस्तेमाल कर के हम सभी प्रकार के प्रोजेक्ट बनाने में होता है,इस का उपयोग कर के इन्वेर्टर,फैन रेगुलेटर ,रिमोट कण्ट्रोल ऐसे बहुत सारे प्रोजेक्ट बना सकते हो वो बी बिना मिक्रोकंट्रोलर के,तो आप जान्ना चाहते है की 555 टाइमर क्या है क्यू इसे 555 टाइमर कहते है और इसका उपयोग किस तरह कर सकते है। इस पोस्ट को पूरा पढ़े।
555 टाइमर किसी भी सर्किट में प्लस जनरेशन के लिए और Oscillator Applications में और इसमें जो प्लस जनरेट होती है उसका टाइम हम कण्ट्रोल कर सकते है इस IC में 5 किलो Ohm के तीन रजिस्टर लगाए गए हैं इसीलिए इसका नाम 555 रखा गया है। यह 5 किलो Ohm के रजिस्टरआप नीचे सर्किट डायग्राम में देख सकते हैं . 555 आई सी का इस्तेमाल हम टाइम डिले देने के लिए कर सकते हैं और Oscillator के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं. 555 IC के आगे दो वर्जन और हैं 556 और 558. इन दोनों में थोड़ा सा फर्क है . 556 में हमें दो टाइमर मिलते हैं और 558 में हमें चार टाइमर मिलते हैं.
HISTORY
इस IC का डिजाइन 1971 में (Signetics कंपनी की देख रेख में) Hans Camenzind द्वारा किया गया था.और 1972 में यह ऐसी 12 कंपनियों द्वारा बनाई गई और यह उस समय की सबसे ज्यादा बिकने वाली इंटीग्रेटेड सर्किट बन गई. आज बी इसकी लोकप्रियता बनी हुई है।
PINOUT
इस 555 टाइमर आईसी में 25 ट्रांजिस्टर 2 Diodes और 15 रजिस्टर एक Silicon की चिप में हैं और यह 8 PIN की IC है ,सभी पिन का एक स्पेशल कार्य है. नीचे हर एक पिन का कार्य बतया हुआ है कि कौन से पिन क्या काम के लिए इस्तेमाल की जाती है और साथ में इसका डायग्राम भी दिया गया है.
PIN-1 Ground:- यह पिन ग्राउंड रेफरेंस वोल्टेज है।(zero voltage)
PIN-2 Trigger :- जब इस पिन पर वोल्टेज कण्ट्रोल पिन(पिन 5) वोल्टेज के 1/2 से नीचे जाता है (1/3 Vcc जब बाहरी सिग्नल द्वारा कण्ट्रोल संचालित होता है), आउट पिन हाई हो जाती है और एक समय अंतराल शुरू होता है। जब तक यह पिन पर लौ सिग्नल दिया जाता है, तब तक आउट पिन हाई रहता है।
PIN-3 Output :- यह एक पुश-पुल (PP) आउटपुट है जो या तो कम स्थिति (ground supply) या उच्च स्थिति (Vcc Supply) के साथ उपयोग कर सकते है। जिसे हम 2 तरीके से किसी भी लोड के साथ में कनेक्ट कर सकते हैं. एक तरीका है कि इस पिन को +Vcc के साथ में कनेक्ट कर दिया जाए और दूसरा तरीका है कि इस पिन को ग्राउंड पिन के साथ में कनेक्ट कर दिया जाए. आउटपुट का वोल्टेज सप्लाई पर निर्बर करता है।
PIN-4 Reset :- यह पिन सीधे ट्रांजिस्टर से जुड़ी होती है. जिससे कि हम इस सर्किट को रीसेट कर सकते हैं.इसे रीसेट करने के लिए इसके ऊपर नेगेटिव Pulse देनी पड़ती है. वैसे तो इस पिन का इस्तेमाल नहीं किया जाता. ज्यादातर यह पिन+Vcc के साथ जुड़ी रहती है.वैसे यह पिन False Triggering से बचने के लिए इस्तेमाल की जाती है.
PIN-5 Control Voltage :-यह पिन दूसरे Comparator के Negative Terminal के साथ में जुड़ी होती है.यह Triggering की तरह ही अतिरिक्त पल्स देने के लिए इस्तेमाल की जाती है.यह पिन Threshold और ट्रिगर वोल्टेज को बदलने का काम करती है।
PIN-6 Threshold :-यह पिन दूसरे Comparator के Positive Terminal के साथ में कनेक्ट होती है.जब इस पिन पर Comparator के नेगेटिव टर्मिनल की तुलना में वोल्टेज कम होगा तो Comparator की आउटपुट High हो जाएगा तो Flip-Flop का आउटपुट Low हो जाएगा. और अगर फ्लिप फ्लॉप का आउटपुट Low होगा तो Output Stage का आउटपुट भी Low हो जाएगा।
PIN-7 Discharge :- यह पिन NPN ट्रांजिस्टर के Collector टर्मिनल से जुड़ी होती है,जब भी 555 टाइमर की आउटपुट हाई होगा तो यह ट्रांजिस्टर Off रहेगा,और यह कैपेसिटर के लिए एक ओपन सर्किट की तरह काम करने लगता है. लेकिन जैसे ही 555 टाइमर IC की आउटपुट Low हो जाएगा तो यह ट्रांजिस्टर एक शार्ट सर्किट की तरह काम करने लगेगा .और इस समय कैपेसिटर ट्रांजिस्टर के द्वारा डिस्चार्ज हो जाता है.
PIN-8 +Vcc :- यह पिन IC को +Vcc के साथ कनेक्ट करते है जिसकी वोल्टेज रंग 4.5v से लेकर 15v तक होती है कुछ में 18v तक बी होती है ये इसकी Datasheet में दिया होता है।
अब हमने सभी पिन का कार्य समज लिया है तो अब हम आगे बढ़ सकते है,अब हम 555 Timer के तीन मोड के बारे में जानेगे
1>>Bistable multivibrator
2>>Monostable multivibrator
3>>Astable multivibraator
2>>Monostable multivibrator
3>>Astable multivibraator
1>>Bistable Multivibrator
Fig1 circuit diagram |
555 टाइमर इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा Bistable Multivibrator सर्किट बहुत ही आसानी से बना सकते हैं. इस सर्किट में ट्रिगर और रिसेट पिन को दो रजिस्टर के द्वारा सप्लाई के साथ जोड़ा जाता है जोकि हमेशा High होती है.और इस सर्किट में दो स्विच ग्राउंड पर इनके साथ में जोड़े जाते हैं जिसमें से Trigger पिन वाला स्विच अंदर वाले फ्लिप फ्लॉप के लिए S (SET) का काम करेगा. और दूसरा स्विच रिसेट पेन के लिए फ्लिप फ्लॉप को रीसेट करने का काम करेगा .
तो जैसे ही हम Switch S1 को दबाएंगे. तो ट्रिगर पिन पर Low Pulse जाएगी और यह आउटपुट के पिन पर सप्लाई हाई हो जाएगी. और आउटपुट की सप्लाई हाई ही रहेगी इससे आउटपुट पिन से कनेक्टेड LED ON रहेगी
Fig 3 . Push Set button
Fig 4 .Set Push on Breadboard |
Fig 5.Reset Push
Fig 6.Reset Push on Breadboard |
Applications of Bistable Multivibrator
Bistableमल्टीवीब्रेटर में आवृत्ति डिवाइडर जैसे कई एप्लिकेशन होते हैं, कंप्यूटर मेमोरी या काउंटर में एक स्टोरेज डिवाइस के रूप में, लेकिन वे सर्किट और लैचेस और काउंटर जैसे सर्किट में सबसे उत्कृष्ट होते हैं।
Bistable मल्टीवीब्रेटर का उपयोग डिजिटल संचार में किया जाता है। इसका उपयोग नियमित अंतराल पर किसी दिए गए सर्किट को आपूर्ति को उलटने के लिए भी किया जाता है।
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