यह varistor का वोल्टेज V/S रेसिस्टर ग्राफ है सामन्य अवस्ता में (varistor) का वोल्टेज कम है तब इसका रेजिस्टेंस आदिक होता है Mohm में है और जब वोल्टेज का मान आदिक होता है तब इसका रेजिस्टेंस कम हो जाता है। ये सप्लाई में स्पाइक वोल्टेज के आने पैर होता है
जब veristor के अक्रॉस वोल्टेज निर्धारित वोल्टेज से अधीक होने लगते है तभी इसका रेजिस्टेंस सिग्रता से कम होने लगता है.
Ohm’s Law के अनुसार फिक्स रेसिस्टर की (V-I) characteristics liner होती है पर Varistor की non-linear characteristics होती है
Varistor Characteristics Curve
ऊपर की फिगर में बताये अनुसार varistor की characteristics bi-directional है इसक अर्थ है की वही दोनों तरफ से कंडक्शन कर सकता है फिग के (1,3).जब varistor कन्डक्टिंग कंडीशन में नहीं होता तब I-V का कर्व लिनेरे होता है जब करंट वरिस्टोर में से परव्हा होता है वह न्यूनतम यानि micro-amp (mA) में होता है जिसे "लीकेज " करंट कहते है
जब अधिकतम रेसिस्टेन्स होने के कारण सर्किट ओपन सर्किट की तरह व्यवार करता है और करंट अचल रहता है यह तब होता जब वरस्टोर के आक्रोश नर्धारित वोल्टेज होते है.
varistor का rated or clamping वोल्टेज को मापा जाता है उसके लिए उसमे specified किये हुए DC करंट पर से (1mA)मापा जाता है यह वह वोल्टेज होता है जो varistor को दिया जाता है जिस पर वह काम करता है और (1mA) करंट वरिस्टोर की रेसिस्टिव body में से परवाह होने देता है यह करंट उसमे उपयोग किये गए कंडक्टिंग मटेरियल पर निर्बर होता है।
जब varistor में transient वोल्टेज रेटेड मान के बराबर या उससे अधिक होता है, तो डिवाइस का प्रतिरोध अचानक अर्धचालक पदार्थ के हिमस्खलन(avalanche) प्रभाव के कारण वाहक को कंडक्टर में बदल देता है।Varistor के माध्यम से बहने वाला छोटा रिसाव (small leakage current)प्रवाह तेजी से बढ़ता है लेकिन इसके पार वोल्टेज वैरिस्टर वोल्टेज के ऊपर एक स्तर तक ही सीमित है। दूसरे शब्दों में, varistor पारदर्शी वोल्टेज (transient voltage )को अपने आप-नियंत्रित करता और इसके माध्यम से प्रवाह करने के लिए अधिक प्रवाह की अनुमति देता है इसके steep non-linear I-V वक्र के कारण
Good for those student who beginning engineering
ReplyDeleteYeah kitne Prakar ke Hote Hain
ReplyDeleteVoltage barrister kitne load Taki Hote Hain
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