Skip to main content

Home wiring material in Hindi / घर के वायरिंग की सामग्री.

इलेक्ट्रिक बोर्ड के सभी मटेरियल के लिस्ट 


आपने अपने घर की वायरिंग जरूर करवाई होगी। घर की वायरिंग करवाने के लिए आपने वायरिंग मटेरियल पर खर्च करने के साथ ही बिजली मिस्त्री पर भी जमकर खर्च किया होगा।
जब भी आपको वायरिंग करना होता है या फिर वायरिंग फोल्ट को ठीक करना होता है तो आप किसी बिजली मास्टर को बुलाते हैं और उन्हें इसके लिए ज्यादा पैसे भी देते हैं। लेकिन यदि इलेक्ट्रिकल क्षेत्र में आप रुचि रखते होंगे और यदि बिजली से फालतू का डर आपको नहीं लगता होगा तो आप खुद से अपने घर की वायरिंग कर सकते हैं लेकिन यदि आपको पता नहीं है कि हाउस वायरिंग करने के दौरान इलेक्ट्रिक बोर्ड में कौन-कौन-सा सामान लगता है तो आज का हमारा ये पोस्ट जरूर पढ़ें। इस पोस्ट में आज हम इलेक्ट्रिक बोर्ड में इस्तेमाल होने वाले सभी wiring material के लिस्ट हिंदी में देने जा रहे हैं।

इलेक्ट्रिक बोर्ड में कौन-कौन-सा सामान लगता है?

यदि आप अपने बोर्ड की वायरिंग करना चाहते हैं तो सबसे पहले उन सभी मटेरियल की लिस्ट बना लें जिसकी आपको वायरिंग में जरूरत है। नीचे दिए जा रहे लिस्ट में से आप अपने जरूरत के मटेरियल की लिस्ट बना सकते हैं।

1.बोर्ड शीट (Board Sheet) Buy on Amazon

इलेक्ट्रिक बोर्ड में सभी मटेरियल को जिस शीट पर फिट किया जाता है उसे बोर्ड शीट कहते हैं। बोर्ड शीट साधारणतः चौकोर और चिकना होता है। इलेक्ट्रिक बोर्ड शीट लकड़ी का भी होता है और मजबूत प्लाई का भी होता है। इसमें से प्लाई वाला शीट मजबूत और आकर्षक होता है।

सभी मटेरियल को लगाने के लिए बोर्ड शीट में उचित नाप का काट-छांट करना पड़ता है। यदि आपके पास बोर्ड के काट-छांट करने की व्यवस्था हो तो ठीक है, अन्यथा आप मार्केट से अपने जरूरत के अनुसार कटिंग की हुई बोर्ड शीट भी खरीद सकते हैं।

2. सूचक (IndicatorBuy on Local Electrical Shop

आपके बिजली बोर्ड तक बिजली का सप्लाई पहुँच रहा है या नहीं, इस बात का पता लगाने के लिए बोर्ड में इंडिकेटर का इस्तेमाल किया जाता है। इंडिकेटर का मतलब ही होता है सूचक, अर्थात बिजली के उपस्थिति या अनुपस्थिति के सूचक को इंडिकेटर कहते हैं। 

3.फ्यूज (Fuse) Buy on Local Electrical Shop

किसी भी घर में एक निश्चित संख्या में ही इलेक्ट्रिक उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है जिस वजह से बिजली की खपत भी हमेशा लगभग एक समान ही होता है। इसी वजह से आपके घर की वायरिंग में एक समय में दौड़ने वाला करंट (एम्पेयर) भी लगभग फिक्स ही होता है। आप अपने इलेक्ट्रिक बोर्ड पर एक समय में अधिकतम कितना लोड देंगे उसके अनुसार जरूरी एम्पेयर का फ्यूज आपको आपके इलेक्ट्रिक बोर्ड में लगाना होता है।
इलेक्ट्रिक बोर्ड में फ्यूज लगाने का फायदा ये है कि यदि कभी भी आपके बोर्ड या उससे जुड़े हुए उपकरण में किसी भी प्रकार की कोई शोर्टिंग होगी तो आपका फ्यूज जल जायेगा जिससे आपके महंगे उपकरण जलने से बच जायेंगे। साथ ही यदि दुर्भाग्य से कभी उस बोर्ड या उससे जुड़े हुए उपकरण से किसी को करंट लग जाए तो उस स्थिति में भी फ्यूज जल जायेगा और उस इंसान की जान बच जायेगी।
ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी उपकरण में शोर्टिंग की स्थिति में या फिर करंट लगने की स्थिति में एकाएक बिजली की खपत बढ़ जाती है जिस वजह से फ्यूज से होकर करंट भी ज्यादा बहने लगता है जिसे फ्यूज बर्दाश्त नहीं कर पाता और जल जाता है।
इस फ्यूज का एक और फायदा ये है कि यदि बाद में आपके बोर्ड में कभी कोई फोल्ट आ जाये तो फ्यूज को निकालकर पूरे बोर्ड का सप्लाई बंद किया जा सकता है। फ्यूज निकाल देने के बाद बिना किसी डर के बोर्ड की मरम्मत की जा सकती है।

4. स्विच(Switch) Buy on Amazon


जब किसी उपकरण का इस्तेमाल नहीं करना होता है तो उसके प्लग को बोर्ड से बाहर किया जा सकता है। लेकिन बल्ब और पंखे का कनेक्शन तो बोर्ड के अन्दर ही कर दिया जाता है इसलिए इस प्रकार से इसे ऑफ नहीं किया जा सकता। इसे ऑफ करने के लिए बोर्ड में एक स्विच लगाना पड़ता है।

आप अपने बोर्ड में कितने उपकरण का इस्तेमाल करेंगे, इस आधार पर आप उतना अलग-अलग स्विच बोर्ड में लगा सकते हैं।

5. 2 पिन सॉकेट(2 pin socketBuy on Amazon

इलेक्ट्रिक बोर्ड में 2 पिन सॉकेट का इस्तेमाल एक्सटर्नल कनेक्शन करने के लिए किया जाता है। बल्ब और सीलिंग फेन का कनेक्शन तो बोर्ड के अन्दर ही कर दिया जाता है लेकिन बहुत सारे उपकरण ऐसे होते हैं जिनका बोर्ड में फिक्स कनेक्शन नहीं किया जा सकता।
ऐसे बाहरी उपकरण में एक कनेक्शन तार लगा होता है जिसमें एक प्लग लगा होता है। इसी प्लग को लगाने के लिए इलेक्ट्रिक बोर्ड में 2 पिन सॉकेट लगाया जाता है। इसी 2 pin socket में किसी भी उपकरण के प्लग को लगाकर उसका इस्तेमाल किया जाता है। बोर्ड में 2 पिन सॉकेट के लिए भी एक स्विच लगाया जाता है ताकि बोर्ड से बिना प्लग को निकाले ही किसी उपकरण को ऑन या ऑफ़ किया जा सके।

6. 5 पिन सॉकेट (5 pin socket)  Buy on Amazon


5 पिन सॉकेट का काम भी ठीक 2 पिन सॉकेट के जैसा ही है। 5 पिन सॉकेट का इस्तेमाल भी एक्सटर्नल उपकरण के कनेक्शन के लिए ही किया जाता है और इसमें भी बाहरी उपकरण के प्लग को ही लगाया जाता है। बोर्ड में 5 पिन सॉकेट के लिए भी एक स्विच लगाया जाता है और आप जितना चाहें उतना सॉकेट बोर्ड में लगा सकते हैं। 5 पिन सॉकेट में प्लग लगाने के लिए 2-2 खाने बने होते हैं और किसी में भी प्लग को लगाया जा सकता है। इसके बाद 5 pin socket का जो पांचवा होल होता है वो भू तार कनेक्शन के लिए होता है। आपने आयरन के प्लग में 3 पिन लगा देखा होगा जिसमें 2 पिन तो सप्लाई के लिए होता है लेकिन तीसरा पिन भू तार के लिए ही होता है।
आयरन के प्लग में 3 पिन होने की वजह से उसे 2 पिन वाले सॉकेट में नहीं लगाया जा सकता। जिस किसी भी उपकरण के प्लग में 3 पिन होता है उसे सिर्फ 5 पिन सॉकेट में ही लगाया जा सकता है। ये तीसरा पिन भू-तार के कनेक्शन के लिए होता है, यदि आप भू-तार के बारे में नहीं जानते हैं तो नीचे वाला पोस्ट पढ़ सकते हैं।

7. बल्ब होल्डर (Bulb holder) Buy on Amazon

इलेक्ट्रिक बोर्ड में बल्ब का कनेक्शन करने के लिए बोर्ड बल्ब होल्डर की जरूरत पड़ती है,पहले तो बल्ब होल्डर को बोर्ड में फिक्स कर दिया जाता हैफिर इसके बाद बाकी सभी मटेरियल लगाने के बाद बोर्ड को कस दिया जाता है इसके बाद बाहर से ही इस bulb holder में बल्ब को लगा दिया जाता है।

8.फैन रेगुलेटर (fan regulator) Buy on Amazon

सीलिंग पंखा के स्पीड को नियंत्रित करने के लिए फेन रेगुलेटर का इस्तेमाल किया जाता है। सीलिंग फेन को छत से लटकाया जाता है और बोर्ड में उसका इंटरनल कनेक्शन कर दिया जाता है।चूंकि सीलिंग पंखा को छत से लटकाया जाता है इसलिए यदि पंखे में ही रेगुलेटर को लगा दिया जाये तो उसका इस्तेमाल करना कठिन हो जायेगा। इसलिए सीलिंग फेन के रेगुलेटर को इलेक्ट्रिक बोर्ड में लगाया जाता है ताकि आसानी से उसका इस्तेमाल किया जा सके।

9.तार (wire) Buy on Amazon

बोर्ड में इस्तेमाल किये जाने वाले सभी मटेरियल का आपस में इलेक्ट्रिकल कनेक्शन करने के लिए कुछ मीटर तार का इस्तेमाल भी किया जाता है। एक बात का ध्यान रहे कि इलेक्ट्रिक बोर्ड की वायरिंग में हमेशा कॉपर के तार का ही इस्तेमाल करें।
चूँकि तार ही बिजली करंट के चलने का माध्यम होता है इसलिए इलेक्ट्रिक बोर्ड में हमेशा उचित तार का इस्तेमाल करें। यदि आप पतले तार से बोर्ड की वायरिंग करेंगे तो कुछ दिन बाद ही वो जल जाएगा। इसलिए पूरी कोशिश करें कि बोर्ड में हमेशा मजबूत और सिंगल वायर का ही इस्तेमाल किया जाये।

इन सब के अलावा भी कम्पोनेंट होते है जिसे हम अगले पोस्ट में बतये गए। 

यदि आप ये पोस्ट पसंद आई हो और मदद रूप रही हो तो कृपया टिप्पणी(comment) करें यदि आपके पास पोस्ट से शब्दित सुझाव हो या इसके बारे में कोई प्रश्न हो और यदि किसी को हिंदी में  इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल के बारे  में सीखना की इच्छा  हो तो इस  पोस्ट को share करें। 

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Stabilizer in Hindi स्टेबलाइजर की पूरी जानकारी हिंदी में

स्टेबलाइजर क्या होता है घर के लिए सही वोल्टेज स्टेबलाइजर आपने वोल्टेज स्टेबलाइजर के बारे में जरूर सुना होगा और आपके घर में stabilizer जरूर होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर क्या होता है?(what is stabilizer ?) क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर का काम क्या है और स्टेबलाइजर कितने प्रकार के होता है? क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर कैसे काम करता है? यदि नहीं जानते हैं तो हमारा ये पोस्ट जरूर पढ़ें। इस पोस्ट में आज हम स्टेबलाइजर की पूरी जानकारी हिंदी(stabilizer in Hindi) में देने जा रहे हैं। स्टेबलाइजर एक ऐसी डिवाइस होती है जो कि Fix Value की वोल्टेज प्रदान करता है.हमारे घर में कुछ ऐसे उपकरण होते हैं जिन्हें कम से कम 240 V की सप्लाई की जरूरत होती है और कुछ कारणवश हमारे घर में अगर सप्लाई 240V से कम आती है तो वह उपकरण ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पाता इसीलिए उसके लिए स्टेबलाइजर की जरूरत पड़ती है. जो कि हमारे घर में आने वाली सप्लाई को 240V पर Fix कर के उपकरण को 240V की सप्लाई प्रदान करता है. स्टेबलाइजर का इस्तेमाल ज्यादातर रेफ्रिजरेटर  (फ्रिज) एयर कंडीशनर इत्यादि पर किया जाता ...

वायर जॉइंट के Different प्रकार

 Different Types of Wire Joint Requirement:- किसी भी तार में जॉइंट बनाने की जरुरत क्यों पड़ती है किसी भी वायर में जॉइंट बनाने की जरुरत इसलिए पड़ती है ताकि किसी भी चालक तार की लम्बाई बढ़ाई जा सके और किसी चालक लाइन में से किसी अन्य लाइन को जॉइंट बनाकर उसे स्थाई रूप से जोड़ा जा सके जॉइंट ऐसा होना चाहिए की वह लाइन को अच्छे कनेक्ट तथा लाइन को पर्याप्त सुद्रढ़ता भी प्रदान कर सके,,इन जोइन्टो को विभिन्न प्रकार से तैयार किया जाता है यह चालक तार की मोटाई,जोड़ की किस्म,जॉइंट किस लाइन में लगाना है इत्यादि पर निर्भर करती है  ।   Different Types of  Joints:-ओवर हेड लाइन्स तथा घरेलु वायरिंग में मुख्यतः निम्न जोड़ प्रचलित है  Twisted Joint(ऐंठा हुआ जोड़) :- इस प्रकार के जॉइंट में तारो अथवा केबल के चालक सिरों को आपस में ऐंठ कर उनके अंतिम समापन सिरों को जोड़ की और मोड़ देते है इस प्रकार का जॉइंट ओवर हेड लाइन में खम्बो के ऊपर लगे इंसुलेटर पर लगाया जाता है इसे किसी लाइन के मध्य में नहीं लगाया जाता है इसे Pig Tail अथवा Rat-Tail Joint जॉइंट भी कहते है।    Married Joint(मै...

Star Delta Starter In Hindi | स्टार डेल्टा स्टार्टर | का प्रयोग मोटर में क्यों किया जाता है ?

स्टार डेल्टा स्टार्टर |Star Delta Starter इस Article मे स्टार डेल्टा कनेक्शन, Star Delta Formula, स्टार डेल्टा स्टार्टर का सिद्धांत, पावर डायग्राम, कन्ट्रोल डायग्राम, स्टार डेल्टा स्टार्टर के लाभ एवम नुकशान और स्टार डेल्टा स्टार्टर से संबधित इंटरव्यू में पूछे जाने वाले सवाल पे भी विस्तृत में जानकारी देने की कोशिश की हे। आशा हे आप के लिए मददगार होगी। Star Delta Starter मोटर को सलामती पूर्वक चालू करने के लिए, मोटर का रक्षण करने के लिए एवम मोटर का स्टार्टिंग करंट कम करने के लिए उपयोग किया जाता हे। मोटर को स्टार्ट करने के लिए और भी कही टाइप के स्टार्टर हे। जैसे की डायरेक्ट ऑन लाइन स्टार्टर, स्टार डेल्टा स्टार्टर, ऑटो ट्रांसफार्मर स्टार्टर, सॉफ्ट स्टार्टर, vfd (Variable Frequency Drive) और रोटर रेजिस्टेंस स्टार्टर, जो मोटर को सलामती पूर्वक चालू भी करते हे,और सुरक्षा भी प्रदान करते हे। स्टार डेल्टा स्टार्टर क्या है? एक स्टार्टर का काम हे स्टार्ट करना। यहां एक इलेक्ट्रिक मोटर स्टार्टर की बात हे। स्टार डेल्टा स्टार्टर याने, एक इलेक्ट्रिकल उपकरण जो कही उपकरणों को एकत्रित करके तैयार किया जाता ह...