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Basic Diode in Hindi / डायोड


 Diode

डायोड(Diode) का उपयोग आज की सभी प्रकार सर्किट में अलग-अलग प्रकार से होता है जैसे की AC/DC ,सर्किट सुरक्षा ,पॉजिटिव सीरीज क्लिपर ,पॉजिटिव शंट क्लिपर, वोल्टेज मल्टीप्लायर सर्किट्स, रिवर्स  करंट  प्रोटेक्शन, वोल्टेज स्पाइक सप्रेशन,सोलर  पेनल्स इस तरह डायोड का उपयोग अलग-अलग स्थानों पर होता है। इस पोस्ट में हम आपको डायोड के कार्य तथा पहचान के बारे में विस्तृत जानकारी देने का प्रयास करेंगे और मार्किट में उपस्तित डायोड के प्रकार बताने वाला हु.

परिभासा:-डायोड एक सेमीकंडक्टर आधारित कॉम्पोनेन्ट है आमतौर पर केवल एक दिशा में प्रवाह के प्रवाह की अनुमति देता है यह  P प्रकार और N प्रकार के सेमीकंडक्टर पदार्थ को मिलाकर बनाया जाता है P टाइप भाग में होल्स और N टाइप भाग में अतिरिक्त मुक्त इलेक्ट्रॉन्स होते है। P टाइप और N टाइप जहा मिलते है उसे संधि बाधा(depletion region) कहते है। डायोड में P टाइप सिरा एनोड तथा N टाइप सिरा कैथोड कहलाता है,आकृति में दिए अनुसार
fig.1

 डायोड की पहचान और चिन्ह


डायोड आमतौर पर काले या लाल बेलनाकार के होते है। इसके दो सिरे होते है, और उन एनोड और केतोड़ होता है  इसको सर्किट में अंग्रेजी के बड़े अक्षर D से दर्शाया जाता है। इसे अल्वा आदिक मात्रा वाले डायोड होते है जीने पावर डायोड कहते है। 

Basic p-n junction

डायोड किसी भी सर्किट में लगा हुआ हैं तो उसे “D” के द्वारा सांकेतिक किया जाता हैं डायोड एक सेमीकंडक्टर कॉम्पोनेन्ट है जो P और N प्रकार के पदार्थ को मिलाकर बनाया गया होता है|

P टाइप सिरे में होल्स  और N टाइप सिरे में अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन्स होते है।  P टाइप  और N टाइप जहा मिलते है उसे सन्धि बाधा(depletion region) कहते है।  डायोड में P टाइप सिरा एनोड तथा N टाइप  सिरे को कैथोड कहा जाता हैं।
इनमे P-प्रकार के और N-प्रकार के सेमीकंडक्टर मटेरियल ब्लॉक होते है जिनमे P-प्रकार के ब्लॉक में मोबाईल होल्स और ऋणात्मक चार्ज(negative ions) होते है उसी प्रकार N-प्रकार के सेमीकंडक्टर के ब्लॉक में मुक्त इलेक्ट्रान (फ्री एलेक्ट्रोन) और पोसिस्टीवे इलेक्ट्रान  होते है।ये आप आकृति १मे देख सकते है 

आकृति में देखा जा सकता है की N-साइड में रहे हुए मुक्त इलेक्ट्रान (फ्री इलेक्ट्रान) जंक्शन को लांघ (cross) कर ऋणात्मक चार्ज (negative ions) P-साइड की तरफ जाता है जब फ्री इलेक्ट्रान अपनी जगह छोड़ता है तब वह positive  ions छोड़ता है  जिससे P-साइड ऋणात्मक(negative) पोटेंशिअल प्राप्त  होता है  समान रूप से N-साइड में पॉजिटिव पोटेंशिअल प्राप्त होता है

प-साइड में रहे नेगेटिव पोटेंशिअल वह इलेक्ट्रान को N-साइड से P-साइड की तरफ फ्लो होने से रोकता है समान रूप से N-साइड में रहे पॉजिटिव पोटेंशिअल वह इलेक्ट्रान को P-साइड से N-साइड की तरफ फ्लो होने से रोकता है  इस के कारण जो जंक्शन के पास जो चार्ज  केरिअर बनता है उसे बैरियर पोटेंसीसल कहते है
यह बैरियर पोटेंशिअल उसमे उपयोग होने वाले मटेरियल पर निर्बर होता है
बर्रिअर वोलटेज यह डोपिंग डेंसिटी(Doping Density) , electric चार्ज , तापमान पर आदारित होता है
इनमे सुरवती दो  निश्चित होते है परन्तु तीसरा कारण तापमान वह निश्चित नहीं होता है  जब तापमान बढ़ने पर माइनॉरिटी चार्ज (वाहक)कैरियर जंक्शन के प्रवाह को बड़ा देता है जितने माइनॉरिटी चार्ज (वाहक)  की मात्रा अधिक होने से डिप्लेशन रेजियन की चौड़ाई को गटा देता है और प्रतेक डिग्री सेल्सियस के बढ़ने पर उसके बैरियर पोटेंशियल  में (2mV) का घटाव होता है।

डायोड के प्रकार Types of Diode

अनेक तरह के कार्यो के लिए भिन्न-भिन्न तरह के Diodes का निर्माण किया जाता उनकी बनावट भी अलग-अलग तरह की होती है।  जैसे:-
1:-सिग्नल डायोड Signal Diode
2:-लाइट एमिटिंग डायोड  Light Emitting Diode
3:-रेक्टिफायर डायोड Rectifier Diode
4:­-जीनर  डायोड Zener Diode
5:-वेरेक्टर डायोड Verector Diode
6:-हॉट केरियर  डायोड  Hot Carrier Diode
7:-फोटो सेंसिटिव डायोड  Photo Sensitive Diode
8:-टनल डायोड Tunnel Diode

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