Sag की परिभाषा यदि एक नमी चालक को यदि दो खम्बो के बीच खींचकर स्वाभाविक रूप से लटका दिया जाये तो वह चालक,,खम्बो के मध्य में एक वक्र के रूप में झूलने लगेगा यदि दोनों खम्बो के बीच में एक सीधी काल्पनिक रेखा खींची जाये तो काल्पनिक रेखा व खम्बो के मध्य की वक्र रेखा की अधिकतम दूरी झोल(Sag) कहलाती है इसको कभी-कभी डिप भी कहते है. संचरण लाइन में झोल निम्न कारको से प्रभावित होता है खम्बो के बीच की दूरी से तार की प्रति एकांक लम्बाई के भार से तार पर दिए गए तनाव से तार पर हवा के वेग के दबाव से तार पर ताप के प्रभाव से यदि चालक तार पर बर्फ जम जाये तो बर्फ के भर से ट्रांसमिशन लाइन में झोल की आवश्यकता(Needed of Sag in Transmission Line) यदि हम विभिन्न प्रकार की वोल्टेज लाइन को देंखे तो झोल(SAG) प्रत्येक लाइनों के मध्य होता है इससे प्रश्न आता है की क्या लाइन में झोल आवश्यक है इसको समझने के लिए खम्बो के बीच चालक की स्थिति को समझना होगा यदि मान लिया जाये की दो खम्बो पर एक चालक तार बंधा हुआ है और वो चालक तार अपने भार के कारण दोनों खम्बो के बीच झूल रहा है इस प्रकार लाइन में झोल आ जाता है इसको कम करने
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