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Showing posts from December, 2018

Two way connection wiring kaise hota hai in hindi | टू वे स्विच कनेक्शन कैसे करे

Two Way Switch Connection कैसे  किया जाता है? A 2-way switching connection means you can control electrical equipment like bulbs with two switches placed at different places. Two-way switches are used when we need to switch on and off a lamp from two places. टू वे स्विच कनेक्शन थोड़ा हटके है. यह कनेक्शन ऐसी जगह पर किया जाता है जहां पर दोनों बटन अलग-अलग जगह पर लगे हो और उसके साथ में लोड एक ही हो. हमारे घर में सीढ़ियों के ऊपर हम बल्ब लगा देते हैं लेकिन उसे बंद और शुरू करने का बटन हम नीचे या ऊपर ही लगा सकते हैं . लेकिन हमें परेशानी तब होती है जब हमारा स्विच बटन ऊपर लगा हो और हम नीचे आ जाएं और उस बल्ब को बंद करना भूल जाएं. तो हमें वापस ऊपर जाकर ही उस बटन के द्वारा बल्ब बंद करना पड़ता है. तो इसी परेशानी को दूर करने के लिए हम टू वे स्विच का इस्तेमाल करते हैं. और आज इस पोस्ट में हम आपको टू वे स्विच के कनेक्शन के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं. simple connection of two-way switch at home Two Way Switch Connection switching diagram टू वे स्विच कनेक्शन करने के लिए आपको

what is MCCB why we use in Hindi | MCCB का वर्किंग हिंदी में

MCCB का पूरा नाम (Molded Case Circuit Breaker) मोल्ड केस सर्किट ब्रेकर एक प्रकार का Electrical Protection Device है इस पोस्ट में हम MCCB  में बताने वाले है और क्यू इसका इस्तेमाल होता है ये सब इस पोस्ट में हम बताने वाले है। जिसका उपयोग आमतौर पर लोड करंट के बढ़ने या कम होने पर या सर्किट ब्रेकर की क्षमताओं से अधिक होने पर किया जाता है। इन्हें किसी मौजूदा रेटिंग की Application में भी उपयोग किया जाता है, जिसके लिए एडजस्टेबल ट्रिप सेटिंग्स की आवश्यकता होती है, जो P lug-In Circuit Breakers   और MCB में उपलब्ध नहीं हैं। Figure 1 Plug-in circuit breakers MCCB यह दोनों(50Hz,60Hz) Frequency रेंज में काम करता है मोल्ड किए गए केस और लघु सर्किट ब्रेकर के बीच मुख्य अंतर यह है कि एमसीसीबी के पास 2,500A की वर्तमान रेटिंग हो सकती है, और इसकी trip सेटिंग्स सामान्य रूप से समायोज्य(adjustable) होती हैं। एक अतिरिक्त अंतर यह है कि MCCB यह MCB   की तुलना में काफी बड़ा है। अधिकांश प्रकार के सर्किट ब्रेकर के साथ, एमसीसीबी के तीन मुख्य कार्य होते हैं।  Protection against overload:- Protection aga

आवृत्ति किसे कहते है | (Frequency in Hindi)

Frequency in Hindi That means it is alternating between positive and negative voltage. This oscillation is known as electrical frequency. Alternating current that oscillates 50 times a second as it does in the UK is said to have a frequency of 50 hertz (50hz). If a current completes one cycle per second, then the frequency is 1 Hz; 50 cycles per second equals 50 Hz. 60Hz and 50Hz Frequency आवर्त्ति के बारे में जानने से पहले आपको यह पता होना जरुरी है कि प्रत्यावर्ती धारा में चक्र क्या होता है तो सबसे पहले में आपको चक्र के बारे में जानकारी दूंगा । प्रत्यावर्ती धारा में चक्र ( cycle ) क्या है ? प्रत्येक प्रत्यावर्ती धारा शून्य से प्रारंभ होकर अधिकतम धनात्मक मान से होते हुए पुनः शून्य होकर प्रथम अर्धचक्र पूरा करती है, जो धनात्मक अर्धचक्र कहलाता है । और फिर अधिकतम ऋणात्मक मान से होते हुए पुनः शून्य होकर अपना दूसरा अर्धचक्र पूरा करती है, जो ऋणात्मक अर्धचक्र कहलाता है । दोनों अर्धचक्रो को मिलाने पर यह एक पूर्ण प्रत्यावर्ती चक्र कहलाता है । आवर्ति क्या है ( What

विद्युत चुंबकीय प्रेरण Electromagnetic induction in Hindi

what is Electromagnetic induction This post about Electromagnetic Induction and Faraday's Law of Electromagnetic Induction applied to a coil of wire. Electromagnetic Induction or Induction is a process in which a conductor is put in a particular position and magnetic field keeps varying or magnetic field is stationary and a conductor is moving. This produces a Voltage or EMF (Electromotive Force) across the electrical conductor. Electromangnetic induction विद्युत चुंबकीय प्रेरण  (Electromagnetic induction ) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें यदि किसी चालक पर पड़ने वाले चुंबकीय फ्लेक्सों की संख्या निरंतर बदलती रहती है तो उस चालक में विद्युत वाहक बल (electromotive force or emf ) या वोल्टेज स्थापित हो जाता है और यदि यह चालक बंद पास (closed loop) का निर्माण करता है तो इस चालक में विधुत धारा  भी प्रवाहित होने लगती है| At starting satge Electromangnetic induction विद्युत चुंबकीय प्रेरण  (Electromagnetic induction ) के सिद्धांत  की खोज माइकल फैराडे ने सन 1830 ई. में की थी| M

How works ACCL कैसे काम करता है ?

How works ACCL कैसे काम करता  है  ?? Automatic Changeover-cum-Current Limiter (ACCL). The ACCL provides automatic switching between generator and mains supplies during power interruptions. The Electron ACCL is a fully automatic, high precision system installed in apartments, residential complexes, commercial buildings etc. It has the following functions: The ACCL allows unrestricted supply from mains. आज हम आपको बताने जा रहे हैं की ACCL कैसे काम करता है.? ख़ास तौर पर आज हम Havells की ACCL के बारे में बात करेंगे की ये ACCL कैसे काम करती है हम कोसिस करेंगे की ACCL से जुड़े आपके सारे सवालो के जवाब दे सके, चलिए सबसे पहले एक नजर डालते हैं की आपके सवाल क्या क्या होते हैं ?? ACCL 1. ACCL क्या है और इसका क्या उपयोग है .?(AUTOMATIC CHANGEOVER & CURRENT LIMITER) 2. क्या ACCL  में इन्वर्टर की कनेक्शन कर सकते हैं .? 3. जब main और generator दोनों एक साथ ACCL में दिया जाए तब क्या होगा .? 4. ACCL काम कैसे करता है .? 5. ACCL कितने amp तक की आती है .? तो चलिए द

MCB, MCCB, RCCB, और ACB में क्या अंतर है?

MCB, MCCB, RCCB, और ACB में क्या अंतर है? The basic difference is that Miniature Circuit Breaker (MCB)is used for devices which can withstand small overload current whereas Molded Case Circuit breaker (MCCB) has more capacity to withstand the current load MCB - Miniature Circuit Breaker, its operated up to 64amps, protect against short circuit & overcurrent. आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे की MCB,MCCB, ACB,और RCCB में क्या अंतर होता है, हम जानेंगे की इन सर्किट ब्रेकर के आपस में क्या अंतर है जो इन्हें एक दुसरे से अलग करता है, तो चलिए देखते हैं  यहाँ पर हम टोटल चार सर्किट ब्रेकर के बारे में जानने वाले हैं नंबर: 1. MCB-  मिनिएचर सर्किट ब्रेकर  MCB

What is Servo Motor In Hindi?

 सर्वो मोटर का परिचय Servo motor works on PWM (Pulse width modulation) principle, means its angle of rotation is controlled by the duration of the applied pulse to its Control PIN. Basically servo motor is made up of DC motor which is controlled by a variable resistor (potentiometer) and some gears. A standard servo is what you normally find in R/C Hobby Toys. They are high precision devices that can rotate a shaft up to 180 degrees. Servo motor एक ऐसी electrical devices है जो कि Dc motor का परिवर्तित रूप है जैसे की हमे Dc motor से मिली motion,torque और Velocity,position पर कंट्रोल करके हमारी जरूरत के अनुसार हमें दे सकती है वास्तव में Servo motor, Dc motor और potentiometer का कॉम्बो है जहाँ पर poentiometer एक position sensor के रूप में काम आता है,हर एक servo motor की maximum speed fix रहती है पर हम Arduino में Varspeed servo library का use कर के servo motor की speed control कर सकते है  यदि हम किसी servo motor के लिए microcontroller का उपयोग कर रहे हो तो हम Servo motor

Why is a transformer core-laminated in hindi?

Figure 1 transformer construction  >> ट्रांसफार्मर की कोर(core) का Design इस तरह से किया जाता है,की उसमे से करंट फ्लो ना हो। परन्तु यह एक संचालन लूप है जो एक बदलते चुंबकीय क्षेत्र का अनुभव करता है,इसलिये इसमें से कुछ करंट फ्लो होने लगता है जिसके कारण इस करंट को (eddy current) कहते है। >> ट्रांसफार्मर में लेमिनेटेड कोर का इस्तेमाल इस लिए किया जाता है की प्राइमरी से सेकेंडरी जो एनर्जी ट्रांसफॉर्म हो रही है वो पर्ण(कुशलता पूर्वक) तरह से हो और कम से कम लॉसेस हो इस लिए लेमिनेटेड कोर का इस्तेमाल होता है।   >> Eddy current के कारण एनर्जी लॉसेस और ट्रांसफार्मर कोर का हीट होना और  हिस्टैरिसीस   इस प्रकार की प्रॉब्लम होती है इसे ट्रांसफार्मर कोर लॉसेस कहते है।  figure 2 transformer laminated  core  >> लेमिनेटेड(laminated) का अर्थ है,लोहे की  परतों से बना  इन्सुलेटेड 'एक ठोस 'गांठ(glued)' एक साथ चिपका हुआ। लेमिनेशन कोर का रेजिस्टेंस ज्यादा होता है नॉन लेमिनेटेड कोर की तुलना में तो इस लिए इसमें से अधिक करंट फ्लो नहीं और इससे एनर्जी का नुकसान

What is ferrite core transformer and ferrite basic in hindi or urdu

Ferrite Transformer and incuctor   यदि आपने कभी किसी DC to DC कन्वर्टर जैसे की LED लाइट का ड्राइवर और चार्जर की सिरकटी  या TV की सर्किट खोली हो तो अपने उसमे इंडक्टर या ट्रांसफार्मर देखा होगा जो कुछ इस प्रकार के होते है,तो इस प्रकार के ट्रांसफार्मर को क्या कहते है और इसमें इस्तेमाल होने वाले मटेरियल को क्या कहते है,इन सभ के बारे में यह पोस्ट है।    Figure 1 LED driver (Ferrite transformer) Figure 1 यह DC-DC कनवर्टर  है जिसमे  Ferrite transformer का इस्तेमाल किया है।  Figure 2 Ferrite transforme in invertor circuit इलेक्ट्रॉनिक्स में, फेराइट कोर एक प्रकार का चुंबकीय कोर होता है, जो फेराइट मटेरियल से बना होता है, और जिससे इलेक्ट्रिक ट्रांसफार्मर और इंडक्टर्स बनते हैं।  इसका उपयोग कम विद्युत चालकता(low electrical conductivity) के साथ उच्च चुंबकीय पारगम्यता(High Permeability) के गुणों के लिए किया जाता है। जिस्से eddy current को रोकने में मदद मिलती है।  High frequency पर तुलनात्मक रूप से कम नुकसान के कारण, वे RF ट्रांसफार्मर के कोर और स्विचन मोड पावर सप्लाई(SMPS), और AM

Gate driver circuit transistor logic working hindi and urdu

Bipolar transistors for MOSFET gate driving दोस्तों तो आज में   इस पोस्ट में आपको Transistor ट्रांजिस्टर लॉजिक ऑपरेशन के बारे में बताने वाला हु ट्रांजिस्टर के मुख्य दो प्रकार के है NPN और PNP इसके अलावा जब हम इसके बेस को सिग्नल वोल्टेज देंगे तब इसके कलेक्टर का लॉजिक क्या होगा और इसके आलावा इसके आउटपुट पर क्या असर होने वाला है इसके बारे में बताने वाला हु।  इसके लिए जो जरूरी कम्पोनेंट है वो यह है।  1) Transistor 2N3904 2) Resistor R1=100ohm, R2=500ohm 3) LED = 5mm(Any colour ) 4) 5v Power supply  Construction  Figure 1 में NPN ट्रांजिस्टर का लॉजिक ऑपरेशन बताया है। इसमें  एक 5v का इनपुट बेस में दिया  और इसके अलावा इसमें एक करंट लिमिटिंग रेसिस्टर बी कनेक्ट किया है,  और +Vcc को इसके कलेक्टर के साथ कनेक्ट किया है और एमिटर को ग्राउंड के साथ कनेक्ट किया है, कलेक्टर साइड में एक LED  और रेसिस्टर  कनेक्ट किया है।   यदि आपको ट्रांजिस्टर का वर्किंग के बारे में जानकारी है तो इस पोस्ट से आपको अधिक जानने को मिलेगा और यदि नहीं है,तो कोई बात नहीं इस पोस्ट को पढ़ कर आप ट्रांजिस्टर की